http://jaidevmahadev.wordpress.com/contact-us/
| सदाशिव शरणा तेरा सब अपराध क्षमा कर मेरा ।। |
| लख चौरासी भटकत घाया गर्भवास में अति दुख पाया. |
| जब ईश्वर से अरज सुनाया, कोल वचन गया भूल मोह माया ने घेरा रे ।। सदाशिव ।। |
| बालपना हंस खेल गंवाया चकरी भॅंवरा खूब चलाया, |
| शिव सुमरण मन में नहीं लाया, छाय रहा अ्रान ध्यान हिरदे नहीं ठेरा रे ।।सदाशिव।। |
| करुण हुआ तन यौवन छाया निशि दिन ऐस आराम जमाया, |
| तिरिया तीरथ कर सुख पाया, होय रयाअंधा धुंध छाय रया घोर अंधेरा रे ।। सदाशिव ।। |
| वृद्धावस्था ऐसी आई ताकत रही नहीं तन माई, |
| सुध बुध शक्ति सभी बिसराई, मान नहीं मर्याद हुआ एकान्त में डेरा रे ।। सदाशिव ।। |
| तीन अवस्था मुफत गवांई नेमधरम कुछ कीना नांई, |
| जन्म बीत गया बातां मांई, लाख गुनाह कर माफ पुरबला पाप समेरा रे ।। सदाशिव ।। |
| पाप पुण्य परगट जुगमांई अज्ञानी नर समझे नाहीं, |
| माफ करो शंकर सुखदाई, हंसराज रख लाज पारकर बेड़ा मेरा रे ।। सदाशिव ।। |

No comments:
Post a Comment