Saturday, 21 June 2014

उनकी शरण में जा के मनवा, पाता है विश्राम ॥

http://jaidevmahadev.wordpress.com/contact-us/
मंगलकारी शिव का नाम ।
चरण हैं शिव के सुख का धाम ॥

पात पात में वो घाट में, फैली उनकी माया ।
जिस के मन में वो बस जाए, मंदिर बनती काया ।
जिस पर शिव जी कृपा करते, बनते काम तमाम ॥

वो ही जगत का करता धर्ता, वो ही जग के सवामी ।
भक्त जनों के मन की जाने, वो ही अन्तर्यामी ।
उनकी शरण में जा के मनवा, पाता है विश्राम ॥

No comments:

Post a Comment