http://jaidevmahadev.wordpress.com/contact-us/
कल्पतरु पुण्यात्मा प्रेम सुधा शिव नाम |
हितकारक संजीवनी शिव चिंतन अविराम |
पतित पावन जैसे मधु शिव रस नाके घोल |
भक्ति के हंसा ही चुगे मोंती यह अनमोल |
जैसे तनिक सुहागा सोने को चमकाए |
शिव सुमिरंसे आत्मा अदबुदथ निखरी जाये |
जैसे चन्दन वृष को दंसते नहीं है नाग |
शिव भक्तो के चोले को कभी लगे ना दाग |
ॐ नम शिवाय (2) |
दया निधि भूतेश्वर शिव है चतुर सुजन |
कण कण भीतर है बसे नीलकंठ भगवान् |
चंद्रचूड के नेत्र उमापति विश्वेश |
शर्नागैत के यह सदा पके सकल अनेक |
शिव द्वारे प्रपंच का छल नहीं सकता खेल |
आग और पानी का जैसे होता नहीं है मेल |
भयाभंजना नटराज है डमरू वाले नाथ |
शिव ka वंदन जो करे शिव है उनके साथ |
ॐ नम शिवाय (2) |
लाखो अश्वादमेध हो सो गंगा अस्नान |
इनसे उत्तम है कही शिव चरणों का ध्यान |
अलख निरंजन नाथसे उपजे आत्मा ग्यान |
भटके को रास्ता मिले मुशकिl हो आसान |
अमर गुणों की खान है चित शुधि शिव ध्यान |
सत संगती में बैठके करलो प्रस्च्याताप |
लिंगेश्वर के मननसे सिद्ध हो जाते काज |
नमो शिवाय रटता जा शिव रखेंगे लाज |
ॐ नम शिवाय (2) |
No comments:
Post a Comment